यह कथा महाभारत युद्ध में भीष्म के घायल हो कर गिरने के बाद द्रोण के कौरव सेना के प्रधान सेनापति बनने से प्रा़रंभ होती है। युद्ध के 11वें दिन से अन्तिम दिवस एवं उसके बाद पाण्डवों के राज्य संभालने तक का विवरण इसमें है।
यह महासमर कथा भाग एक - बन्धन से प्रारम्भ हो कर भाग आठ - निर्बन्ध पर समाप्त होती है। भीष्म के बन्धन में बन्धने से लेकर भीष्म के सभी बन्धनों को छोड़ने तक की कथा।
यह कथा महाभारत युद्ध में भीष्म के घायल हो कर गिरने के बाद द्रोण के कौरव सेना के प्रधान सेनापति बनने से प्रा़रंभ होती है। युद्ध के 11वें दिन से अन्तिम दिवस एवं उसके बाद पाण्डवों के राज्य संभालने तक का विवरण इसमें है।
यह महासमर कथा भाग एक - बन्धन से प्रारम्भ हो कर भाग आठ - निर्बन्ध पर समाप्त होती है। भीष्म के बन्धन में बन्धने से लेकर भीष्म के सभी बन्धनों को छोड़ने तक की कथा।