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खंजन नयन

Amritlal Nagar
4.29/5 (30 ratings)
यशस्वी साहित्यकार अमृतलाल नागर का चर्चित उपन्यास 'खंजन नयन' महाकवि सूरदास के गोरेमामय जीवन की सार्थक प्रस्तुति है। नागर जी ने अपने उपन्यास 'मानस का हंस' में तुलसीदास की जीवन-गाथा को उपन्यास के रूप में प्रस्तुत किया था-उसी क्रम में सूरदास के जीवन के विभिन्न पक्षों का चित्रण इस कृति के माध्यम से जिया है। सूरदास के व्यक्तित्व को नागर जी ने तीनों स्तरों पर प्रस्तुत किया है-तल, अतल और सुतल। व्यक्तित्व के भीतर अनेक व्यक्तित्व होते है। नागर जी ने भी महाकवि को सूरज, सूरस्वापी, सूरश्याम, सूरदास, अनेक रूप दिए है और अन्त में जहां ये तीनों रूप समरस होते है, वहां सूरदास राधामय हो जाते है। डेढ वर्ष की साधना के पश्चात नागर जी ने महाकवि की निर्वाण-स्थली परासौत्ती में बैठकर यह उपन्यास पूरा किया था। उनकी निष्ठा, श्रध्दा, सूर के पति समर्पण के दर्शन इस उपन्यास के माध्यम से पाठकों को अवश्य होंगे।
Format:
Hardcover
Pages:
248 pages
Publication:
2013
Publisher:
Rajpal and Sons
Edition:
1
Language:
hin
ISBN10:
8170280060
ISBN13:
9788170280064
kindle Asin:
B01N4V2I0H

खंजन नयन

Amritlal Nagar
4.29/5 (30 ratings)
यशस्वी साहित्यकार अमृतलाल नागर का चर्चित उपन्यास 'खंजन नयन' महाकवि सूरदास के गोरेमामय जीवन की सार्थक प्रस्तुति है। नागर जी ने अपने उपन्यास 'मानस का हंस' में तुलसीदास की जीवन-गाथा को उपन्यास के रूप में प्रस्तुत किया था-उसी क्रम में सूरदास के जीवन के विभिन्न पक्षों का चित्रण इस कृति के माध्यम से जिया है। सूरदास के व्यक्तित्व को नागर जी ने तीनों स्तरों पर प्रस्तुत किया है-तल, अतल और सुतल। व्यक्तित्व के भीतर अनेक व्यक्तित्व होते है। नागर जी ने भी महाकवि को सूरज, सूरस्वापी, सूरश्याम, सूरदास, अनेक रूप दिए है और अन्त में जहां ये तीनों रूप समरस होते है, वहां सूरदास राधामय हो जाते है। डेढ वर्ष की साधना के पश्चात नागर जी ने महाकवि की निर्वाण-स्थली परासौत्ती में बैठकर यह उपन्यास पूरा किया था। उनकी निष्ठा, श्रध्दा, सूर के पति समर्पण के दर्शन इस उपन्यास के माध्यम से पाठकों को अवश्य होंगे।
Format:
Hardcover
Pages:
248 pages
Publication:
2013
Publisher:
Rajpal and Sons
Edition:
1
Language:
hin
ISBN10:
8170280060
ISBN13:
9788170280064
kindle Asin:
B01N4V2I0H