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Kudhan कुढ़न

Devendra Dangi
4.62/5 (24 ratings)
देवेंद्र दाँगी की कविताएँ प्रेम की भाषा, अनुभूति की मात्राओं और हृदय के व्याकरण में लिखी गई हैं। ये मनुष्यता के स्वप्न में डूबी हुई हैं। भाषाई चंचलता के भीतर भी गंभीर निगाह रखना, देवेंद्र की विशेषता है। हल्का-सा व्यंग्य, बेचैन-सा विद्रूप, लेकिन इनके समांतर एक विशालकाय विश्वास— कुल मिलाकर, सर्जनात्मक विकलता देवेंद्र दाँगी की कविता को आकर्षक बनाती है।

- गीत चतुर्वेदी, सुप्रसिद्ध कवि

"कुढ़न" क्षणिकाओं, कविताओं और लंबी कविताओं का संग्रह है। देवेंद्र दाँगी की कविताओं की ख़ास बात यही है कि वे संवाद की भाषा में हैं, सरल हैं, और इसी कारण वे हर पाठक-वर्ग को छूती हैं।
Format:
Pages:
98 pages
Publication:
Publisher:
Edition:
1st
Language:
hin
ISBN10:
ISBN13:
kindle Asin:
B08CD3WVTF

Kudhan कुढ़न

Devendra Dangi
4.62/5 (24 ratings)
देवेंद्र दाँगी की कविताएँ प्रेम की भाषा, अनुभूति की मात्राओं और हृदय के व्याकरण में लिखी गई हैं। ये मनुष्यता के स्वप्न में डूबी हुई हैं। भाषाई चंचलता के भीतर भी गंभीर निगाह रखना, देवेंद्र की विशेषता है। हल्का-सा व्यंग्य, बेचैन-सा विद्रूप, लेकिन इनके समांतर एक विशालकाय विश्वास— कुल मिलाकर, सर्जनात्मक विकलता देवेंद्र दाँगी की कविता को आकर्षक बनाती है।

- गीत चतुर्वेदी, सुप्रसिद्ध कवि

"कुढ़न" क्षणिकाओं, कविताओं और लंबी कविताओं का संग्रह है। देवेंद्र दाँगी की कविताओं की ख़ास बात यही है कि वे संवाद की भाषा में हैं, सरल हैं, और इसी कारण वे हर पाठक-वर्ग को छूती हैं।
Format:
Pages:
98 pages
Publication:
Publisher:
Edition:
1st
Language:
hin
ISBN10:
ISBN13:
kindle Asin:
B08CD3WVTF