Read Anywhere and on Any Device!

Subscribe to Read | $0.00

Join today and start reading your favorite books for Free!

Read Anywhere and on Any Device!

  • Download on iOS
  • Download on Android
  • Download on iOS

Japani Sarai

Anukriti Upadhyay
3.94/5 (11 ratings)
जापानी सराय अनुकृति उपाध्याय का लेखन की दुनिया में पहला कदम है जिसमें सम्मिलित दस कहानियों को हिन्दी कहानी की किसी परम्परा में नहीं रखा जा सकता। ताज़ा हवा के झोंके की तरह ये कहानियाँ बारजे में फैली सर्दी की धूप की तरह हैं-सुकून भी देती हैं और कई बार चुभ भी जाती हैं। इन कहानियों में युवाओं के जीवन की चुनौतियाँ हैं, जो जीवन में अपने को स्थापित करने की जद्दोजहद में लगे हैं-कुछ पाना चाहते हैं और आज़ाद भी होना चाहते हैं। इन कहानियों में रिश्तों का बंधन नहीं साहचर्य का सुख है; कहीं भी ठहराव नहीं दिखाई देता है बल्कि यात्राओँ हैं। उन्हीं यात्राओं में बहुत कुछ मिलता जाता है, खोता जाता है। समय न हर्ष के लिए बचा है न विषाद के लिए। अनेक वर्षों तक हाँगकाँग में बैंकिंग और निवेश के सैक्टर में कार्यरत रहने के बाद अनुकृति उपाध्याय ने साहित्य-जगत में प्रवेश किया है। वह लिखती हैं इस आशा में कि इस रचनात्मक जोड़ने-तोड़ने में वह कुछ अनाम ढूँढा जा सके जो शायद है भी या नहीं भी। इनका संपर्क |
Format:
Paperback
Pages:
pages
Publication:
Publisher:
Rajpal and Sons; First edition (15 January 2019)
Edition:
First
Language:
hin
ISBN10:
ISBN13:
kindle Asin:
B0DN7TCLNL

Japani Sarai

Anukriti Upadhyay
3.94/5 (11 ratings)
जापानी सराय अनुकृति उपाध्याय का लेखन की दुनिया में पहला कदम है जिसमें सम्मिलित दस कहानियों को हिन्दी कहानी की किसी परम्परा में नहीं रखा जा सकता। ताज़ा हवा के झोंके की तरह ये कहानियाँ बारजे में फैली सर्दी की धूप की तरह हैं-सुकून भी देती हैं और कई बार चुभ भी जाती हैं। इन कहानियों में युवाओं के जीवन की चुनौतियाँ हैं, जो जीवन में अपने को स्थापित करने की जद्दोजहद में लगे हैं-कुछ पाना चाहते हैं और आज़ाद भी होना चाहते हैं। इन कहानियों में रिश्तों का बंधन नहीं साहचर्य का सुख है; कहीं भी ठहराव नहीं दिखाई देता है बल्कि यात्राओँ हैं। उन्हीं यात्राओं में बहुत कुछ मिलता जाता है, खोता जाता है। समय न हर्ष के लिए बचा है न विषाद के लिए। अनेक वर्षों तक हाँगकाँग में बैंकिंग और निवेश के सैक्टर में कार्यरत रहने के बाद अनुकृति उपाध्याय ने साहित्य-जगत में प्रवेश किया है। वह लिखती हैं इस आशा में कि इस रचनात्मक जोड़ने-तोड़ने में वह कुछ अनाम ढूँढा जा सके जो शायद है भी या नहीं भी। इनका संपर्क |
Format:
Paperback
Pages:
pages
Publication:
Publisher:
Rajpal and Sons; First edition (15 January 2019)
Edition:
First
Language:
hin
ISBN10:
ISBN13:
kindle Asin:
B0DN7TCLNL