छात्र वर्ग के लिए यह प्रेरणात्मक उपन्यास विशेष उपयोगी है। इस उपन्यास से यह संदेश मिलता है कि जीवन में कई बार समझौता करके उपलब्ध विकल्पों एवं संसाधनों का प्रयोग करते हुए हमें निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। एक दिन सफलता अवश्य मिलती है।
गरीबी के कारण बरहवीं कक्षा पास करने के पश्चात रेणु नौकरी की तलाश में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट कार्यालय पहुँचती है। उसकी दयनीय अवस्था देखकर वहाँ की रिसैप्शनिस्ट राजन मैम की सिफ़ारिश पर उसे चपरासी के तौर पर वहाँ नौकरी पर रख लिया जाता है।
रेणु को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है जैसे कार्यालय के अन्य लोगों द्वारा उसे ताने मारना, छोटी-छोटी बात पर अपमानित करना, आदि। परंतु अपमान एवं अवहेलना झेलते हुए रेणु पूरी लगन व मेहनत से कार्यालय में अपना काम करतì
छात्र वर्ग के लिए यह प्रेरणात्मक उपन्यास विशेष उपयोगी है। इस उपन्यास से यह संदेश मिलता है कि जीवन में कई बार समझौता करके उपलब्ध विकल्पों एवं संसाधनों का प्रयोग करते हुए हमें निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। एक दिन सफलता अवश्य मिलती है।
गरीबी के कारण बरहवीं कक्षा पास करने के पश्चात रेणु नौकरी की तलाश में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट कार्यालय पहुँचती है। उसकी दयनीय अवस्था देखकर वहाँ की रिसैप्शनिस्ट राजन मैम की सिफ़ारिश पर उसे चपरासी के तौर पर वहाँ नौकरी पर रख लिया जाता है।
रेणु को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है जैसे कार्यालय के अन्य लोगों द्वारा उसे ताने मारना, छोटी-छोटी बात पर अपमानित करना, आदि। परंतु अपमान एवं अवहेलना झेलते हुए रेणु पूरी लगन व मेहनत से कार्यालय में अपना काम करतì