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मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan]

Amrita Pritam
4.16/5 (217 ratings)
वर्ष 1982 में भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित और सौ से ज़्यादा रचनाओं की लेखिका अमृता प्रीतम ने अपनी कविताओं की तरह ही कहानियों में भी विशेष छाप छोड़ी है। उनकी कहानियाँ नारी की स्थिति, पीड़ा, विडंबना और विसंगतियों को उजागर करती हैं। नारी हृदय में व्याप्त प्रेम और करुणा का जैसा चित्रण अमृता प्रीतम ने किया है वह सीधा दिल को जाकर छूता है। ऐसी ही मार्मिक अभिव्यक्ति से ओत-प्रोत कहानियाँ इस संकलन में पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं।
Format:
Pages:
pages
Publication:
Publisher:
Rajpal & Sons
Edition:
Language:
hin
ISBN10:
9350641925
ISBN13:
9789350641927
kindle Asin:
B01MXHXG6M

मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan]

Amrita Pritam
4.16/5 (217 ratings)
वर्ष 1982 में भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित और सौ से ज़्यादा रचनाओं की लेखिका अमृता प्रीतम ने अपनी कविताओं की तरह ही कहानियों में भी विशेष छाप छोड़ी है। उनकी कहानियाँ नारी की स्थिति, पीड़ा, विडंबना और विसंगतियों को उजागर करती हैं। नारी हृदय में व्याप्त प्रेम और करुणा का जैसा चित्रण अमृता प्रीतम ने किया है वह सीधा दिल को जाकर छूता है। ऐसी ही मार्मिक अभिव्यक्ति से ओत-प्रोत कहानियाँ इस संकलन में पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं।
Format:
Pages:
pages
Publication:
Publisher:
Rajpal & Sons
Edition:
Language:
hin
ISBN10:
9350641925
ISBN13:
9789350641927
kindle Asin:
B01MXHXG6M