अक्षत ने कभी सोचा न था कि तलाक के बाद साक्षी की उससे कभी मुलाकात होगी। साक्षी ने अपने पुराने आशिक के साथ अपनी अलग दुनिया बसा ली थी।अब इतने वर्षों बाद अक्षत के सामने वही साक्षी खड़ी थी और उससे मदद की गुहार कर रही थी। साक्षी के भाई पर हत्या का आरोप था और साक्षी चाहती थी कि अक्षत पुलिस वाला होने के हैसियत से उसकी मदद करे।अक्षत ने साक्षी को देखा तो पाया कि वह अब भी उससे प्यार करता था और यही कारण था कि उसने साक्षी की मदद करने का फैसला ले लिया।पर मामला इतना सरल नहीं था जितना दिख रहा था। जैसे जैसे अक्षत ने तहकीकात करनी शुरू की मामले में ऐसी बातें उजागर हुई कि एक बार को अक्षत भी सोचने को मजबूर हो गया कि क्या दिल के हाथों मजबूर होकर उसने जो फैसला लिया था वो सही था?आखिर साक्षी के भाई पर किसके &
अक्षत ने कभी सोचा न था कि तलाक के बाद साक्षी की उससे कभी मुलाकात होगी। साक्षी ने अपने पुराने आशिक के साथ अपनी अलग दुनिया बसा ली थी।अब इतने वर्षों बाद अक्षत के सामने वही साक्षी खड़ी थी और उससे मदद की गुहार कर रही थी। साक्षी के भाई पर हत्या का आरोप था और साक्षी चाहती थी कि अक्षत पुलिस वाला होने के हैसियत से उसकी मदद करे।अक्षत ने साक्षी को देखा तो पाया कि वह अब भी उससे प्यार करता था और यही कारण था कि उसने साक्षी की मदद करने का फैसला ले लिया।पर मामला इतना सरल नहीं था जितना दिख रहा था। जैसे जैसे अक्षत ने तहकीकात करनी शुरू की मामले में ऐसी बातें उजागर हुई कि एक बार को अक्षत भी सोचने को मजबूर हो गया कि क्या दिल के हाथों मजबूर होकर उसने जो फैसला लिया था वो सही था?आखिर साक्षी के भाई पर किसके &