वो तीन थे । तीनों बेरोजगार थे, पैसे से लाचार थे और अन्धेरे भविष्य से त्रस्त थे । लेकिन वो एक ऐसी हरकत को अंजाम देने के ख्वाब देख रहे थे जिसकी कामयाबी उन्हें मालामाल कर सकती थी और उनके चेहरों पर पुती नाकामी की कालिख धो सकती थी ।
वो तीन थे । तीनों बेरोजगार थे, पैसे से लाचार थे और अन्धेरे भविष्य से त्रस्त थे । लेकिन वो एक ऐसी हरकत को अंजाम देने के ख्वाब देख रहे थे जिसकी कामयाबी उन्हें मालामाल कर सकती थी और उनके चेहरों पर पुती नाकामी की कालिख धो सकती थी ।